छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
शिव कुमार बनाम संतोषी
इस मामले में पत्नी के भरण पोषण के मुकदमे में पत्नी को न्यायालय भरण पोषण देने से इस आधार पर मना कर देता है कि वह पति से अकारण अलग रह रही है ।
साथ ही साथ न्यायालय कहता है कि अगर पत्नी पति से अलग रह रही है तो वह अलग क्यों रह रही है ? अलग रहने का क्या कारण है ? इसे साबित करने का सबूत भार पत्नी के ऊपर है ।
इस मामले में जो पत्नी होती है वह मजिस्ट्रेट के वहां भरण पोषण प्राप्त करने के लिए 125 सीआरपीसी के तहत आवेदन करती है लेकिन मुकदमा चलने के बाद मजिस्ट्रेट पत्नी के आवेदन को इस आधार पर खारिज कर देते हैं कि जो पत्नी है वह अपने पति से आकर अलग रह रही है उसके पास अलग रहने का उचित कारण नहीं है ।
इसके पश्चात पत्नी सत्र न्यायालय में इस आदेश के विरुद्ध अपील दायर करती है जिसमें सत्र न्यायालय पत्नी के अपील को स्वीकार करता है और पति को आदेश करता है कि वह अपनी पत्नी को भरण पोषण दे ।
इस आदेश के विरुद्ध पति उच्च न्यायालय में अपील दायर करता है जिसमें पति की तरफ से यह तर्क रखा जाता है कि जो पत्नी है जब वह पति को छोड़कर के मायके में जाकर के रहने लगी उसके पश्चात पति ने उपमंडल मजिस्ट्रेट के वहां 98 सीआरपीसी में एक आवेदन दिया जिसमें पत्नी हाजिर हुई और आकर के कहीं की उसे उसके पति के साथ नहीं रहना है ।
पति अगर दहेज मांगना बंद कर दे परेशान करना बंद कर दे इसके बावजूद भी वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती है उसका अपने पति के साथ रहने में कोई इच्छा नहीं है उसे अलग ही रहना है ।
इसके पश्चात न्यायालय में यह सबूत पति लगाता है और कोर्ट में बताता है की पत्नी जो है वह उससे अकारण अलग रह रही है वह जानबूझकर पति के साथ नहीं रहना चाहती है । उसकी पति के साथ रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है ।
पत्नी ने जो भी आरोप लगाए थे उसके लिए जो भी साक्ष्य उसने दिए थे सारे साक्ष्य न्यायालय में गलत साबित हो गए उसके सारे गवाह जिरह में गलत साबित हो गए पति अपने सबूत से यह साबित किया कि वह पत्नी से कभी दहेज नहीं मांगा उसे ठीक से रखा उसे परेशान नहीं किया ऐसे में सेशन कोर्ट के आदेश को निरस्त किया जाए और पत्नी को भरण पोषण मत दिया जाए ।
जब न्यायालय पूरे मामले को देखा है तो न्यायालय यही पता है कि पत्नी पति से अकारण अलग रह रही है पत्नी के पास अलग रहने का कोई भी उचित कारण नहीं है ना ही पत्नी के पास कोई भी ऐसा साक्ष्य है जिससे साबित हो कि उसे परेशान किया गया या उससे दहेज मांगा गया और अगर कोई पत्नी अपने पति से अलग रह रही है तो अलग रहने का क्या कारण है इसे साबित करने का भार पत्नी के ऊपर ही है तो ऐसे में इस मामले में पत्नी साबित नहीं कर पा रही है कि वह अलग क्यों रह रही है क्या कारण है कि वह पति से अलग रहना चाह रही है तो ऐसे में उसे भरण पोषण नहीं मिलना चाहिए और उसके भरो पोषण के आदेश को न्यायालय निरस्त कर देता है ।
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