अपराध होने के कितने दिनो के बाद तक केस दर्ज करा सकते है | Cr.p.c. section 468 | परिसीमा-काल की समाप्ति के पश्चात् संज्ञान का वर्जन | परिसीमा काल

परिसीमा-काल की समाप्ति के पश्चात् संज्ञान का वर्जन :-

(1) इस संहिता में अन्यत्र जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, कोई न्यायालय उपधारा (2) में विनिर्दिष्ट प्रवर्ग के किसी अपराध का संज्ञान परिसीमाकाल की समाप्ति के पश्चात् नहीं करेगा ।


(2) परिसीमा-काल :-

(क) छह मास होगा, यदि अपराध केवल जुर्माने से दण्डनीय है,


(ख) एक वर्ष होगा, यदि अपराध एक वर्ष से अनधिक की अवधि के लिए कारावास से दण्डनीय है,


(ग) तीन वर्ष होगा, यदि अपराध एक वर्ष से अधिक किन्तु तीन वर्ष से अनधिक की अवधि के लिए कारावास से दण्डनीय है,


(3) इस धारा के प्रयोजनों के लिए उन अपराधों के संबंध में, जिनका एक साथ विचारण किया जा सकता है, परिसीमा-काल उस अपराध के प्रतिनिर्देश से अवधारित किया जाएगा जो, यथास्थिति, कठोरतर या कठोरतम दण्ड से दण्डनीय है ।

Post a Comment

0 Comments