अपने खिलाफ झूठी पुलिस केस होने पर क्या करे ? | झूठे FIR से कैसे बचें ? | Section 482 Crpc in hindi

प्रश्न :- 

1:- मेरे ऊपर मेरी पत्नी ने झूठा 489a का केस कर दिया है क्या करूँ ?

2:- झूठी FIR से कैसे बचें ?

3:- झूठे केस से कैसे बचें ?

4:- Crpc की धारा 482 क्या है ?

5:- Fake FIR से कैसे बचें ?


Fake FIR


उत्तर:-

झूठी FIR से खुद को कैसे बचाये :-
कुछ लोग ईष्या वश या आपसी मतभेद के चलते किसी व्यक्ति पर झूठे मामलों में FIR दर्ज कर देते है या मुकदमा दर्ज कराकर उसे फंसा देते हैं और परेशान करते हैं । कानून की जानकारी के अभाव में जिस व्यक्ति पर FIR होता है वह काफी ज्यादा परेशान हो जाता है और वह पुलिस, कोर्ट और कानूनी झंझट में फंस जाता है और उसका समय, धन और जीवन की खुशियां बर्बाद दी की कगार पर आ जाती हैं । आज यहां हम आपको यह बताएगी कि यदि कोई व्यक्ति आपके ऊपर झूठा FIR दर्ज करा देता है तो आप किस प्रकार से उस FIR से बच सकते हैं और कानूनी झंझट से बाहर निकल सकते हैं

झूठी FIR से बचने के लिए ही है कानून में सीआरपीसी की धारा 482 का प्रावधान :- 

Crpc की धारा 482 में यह प्रावधान है कि यदि आपके ऊपर झूूूठी  FIR हुई तो आप उसे हाईकोर्ट में चैलेंज करते हुए निष्पक्ष न्याय की मांग कर सकते हैं। इसमें हाईकोर्ट चाहे तो आपके ऊपर जो FIR हुआ है उसे समाप्त करने का आदेश दे सकता है या उस पर स्टे लगा सकता है ।
इसको करने के लिए आपको अपने High court में एक वकील नियुक्त करना होगा । वकील के माध्यम से आप हाईकोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देंगे जिसमें आप पुलिस के द्वारा दर्ज की गई एफ.आई.आर पर प्रश्नचिन्ह लगा सकते हैं और सवाल उठा सकते हैं । यदि आपके पास अपनी बेगुनाही के सबूत जैसे - ऑडियो रिकॉर्डिंग ,वीडियो रिकॉर्डिंग, फोटोग्राफ्स ,डाक्यूमेंट्स, गवाह हो तो उन्हें अपने प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न करना चाहिए, ऐसा करने से हाईकोर्ट में आपका केस मजबूत हो जाता है और यदि आपको हाईकोर्ट बेगुनाह पाता है तो आपके ऊपर लगे FIR को खत्म करने का भी आदेश दे सकता है या FIR की प्रोसिडिंग पर स्टे लगा सकता है ।


Crpc की धारा 482 की कार्यवाही करने से क्या होगा :-

आईपीसी की धारा 482 की कार्यवाही उच्च न्यायालय में करने से यदि आप के ऊपर झूठा एफ आई आर दर्ज हुआ है और आप बेगुनाह पाए जाते हैं तो :-

1- FIR की Proceeding पर लग सकता है स्टे :-

यदि आपके ऊपर झूठा FIR दर्ज हुआ है और आप 482 Crpc की कार्यवाही हाईकोर्ट में करते हैं और वहां पर आपको भी बेगुनाह पाया जाता है तो हाईकोर्ट चाहे तो आपके ऊपर जो FIR दर्ज हुआ है उसकी कार्यवाही पर स्टे लगा सकती है और जांच के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दे सकती है । इस तरह के मामलों में जब तक हाईकोर्ट में 482 के तहत मामला चलता रहेगा पुलिस आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं करेगी यदि आप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी है तो वह तुरंत प्रभाव से हाईकोर्ट के आदेश आने तक के लिए रुक जाएगा ।


2- FIR को खत्म करने का दे सकती है हाईकोर्ट आदेश :-

यदि आपके ऊपर झूठा FIR हुआ है और आपके पास अपनी बेगुनाही के सबूत है तो आपको 482 Crpc की कार्यवाही हाईकोर्ट में जरूर करनी चाहिए, यदि आप हाईकोर्ट में बेगुनाह पाए जाते हैं और सिद्ध हो जाता है कि आप अपने जैसा कि FIR लिखा है वैसा किसी प्रकार का कोई क्राइम नहीं किया है और आप भी गुनाह है तो हाईकोर्ट चाहे तो आपके ऊपर जो FIR हुआ है उसे समाप्त करने का आदेश दे सकती है फिर आप कानूनी झंझट से बाहर आ जाएंगे ।


कैसे करे 482 Crpc का केस :- 

जब आपको पता चले कि आपकी ऊपर झूठा FIR दर्ज हो गया है तब आपको अपने प्रदेश के हाईकोर्ट में जाकर वहां एक अच्छा वकील नियुक्त करना चाहिए और आपके पास जो भी अपनी बेगुनाही से संबंधित सबूत हो, जैसे कि - FIR में कोई निश्चित तारीख लिखी हो और आप उस तारीख पर अपने ड्यूटी पर हो तो अपनी उपस्थिति रजिस्टर का अटेस्टेड कॉपी, या आप कहीं घूमने गए हैं तो उसका टिकट या कोई आपके पास ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग है जो सिद्ध करे कि आप को फंसाया गया है झूठे केस में वह सब अपने एप्लीकेशन के साथ लगा कर अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में देना होता है । 
ऐसे मामलों में आपकी FIR में कुछ लूपहोल्स यानी कमियां होती है जिसका की विशेषकर ध्यान देना होता है इसलिए आपको एक अच्छा एडवोकेट नियुक्त करना चाहिए जो FIR के लुप होल्स को  पकड़ सके । यह लूपहोल्स आप को बचाने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं । एप्लिकेशन दे देने के बाद केस की प्रोसीडिंग होती है और फैक्ट्स के आधार पर कोर्ट अपना अंतिम निर्णय सुनाती है ।


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