घरेलू हिंसा अधिनियम क्या है ? | What is Domestic Violence act 2005 in hindi | DV act 2005 in hindi

प्रश्न- 

1:- घरेलू हिंसा कानून क्या है ?

2:- घरेलू हिंसा अधिनयम 2005 

3:- Domestic Violence में क्या प्रवधान होता है ?

4:- DV act 2005

5:- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005

घरेलु हिंसा


उत्तर :-

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005-
Domestic Violence Act 2005 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम संसद द्वारा पारित एक कानून है जिसका उद्देश्य घरेलू हिंसा से महिलाओं को बचाना है इस अधिनियम को 26 अक्टूबर 2006 में लागू किया गया था ।

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घरेलू हिंसा क्या है ? -

What is Domestic Violence Act -

महिलाओ के साथ दुर्व्यवहार अर्थात शारीरिक क्रूरता , अपहानि या जीवन या अंग या स्वास्थ्य को खतरा या लैंगिक दुर्व्यवहार अर्थात महिलाओं की गरिमा का उल्लंघन , महिलाओं का अपमान या तिरस्कार करना या अतिक्रमण करना या मौखिक और भावनात्मक दुर्व्यवहार करना ,अपमान करना ,गाली देना या आर्थिक दुर्व्यवहार करना आर्थात आर्थिक या वित्तीय संसाधनों जिसकी वह हकदार है, उससे उसको वंचित रखना मानसिक रूप से परेशान करना यह सभी घरेलू हिंसा कहलाते हैं । 

यहां हम घरेलू हिंसा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण धाराओं को जानेंगे ।

घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 4 -
Domestic Violence Act sec 4 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 4 में यह प्रावधान है कि, घरेलू हिंसा किया जा चुका हो , या किसी महिला के साथ किया जाने वाला हो , या किया जा रहा हो, इसकी सूचना कोई भी व्यक्ति संरक्षण अधिकारी को दे सकता है जिसके लिए सूचना देने वाले पर किसी प्रकार का कोई जिम्मेदारी तय नहीं की जाएगी ।


घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 5 -
Domestic Violence Act sec 5 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम की धारा 5 में यह प्रावधान है कि , यदि घरेलू हिंसा की कोई सूचना किसी पुलिस अधिकारी या संरक्षण अधिकारी या मजिस्ट्रेट को दी गई है तो उनके द्वारा पीड़िता को जानकारी देना होगा कि :-
● उसे संरक्षण आदेश पाने का ,
● सेवा प्रदाता की उपलब्धता संरक्षण अधिकारी की सेवा की उपलब्धता ,
● मुफ्त विधिक सहायता प्राप्त करने का ,
● परिवाद - पत्र दाखिल करने का अधिकार प्राप्त है । पर संज्ञेय अपराध के लिए पुलिस को कार्यवाही करने से यह प्रावधान नहीं रोकता है ।

घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 10 -
Domestic Violence Act sec 10 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 में यह प्रावधान है कि, सेवा प्रदाता जो नियमतः निबंधित हो, वह भी मजिस्ट्रेट या संरक्षण अधिकारी को घरेलू हिंसा की सूचना दे सकता है ।

घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 -
Domestic Violence Act sec 12 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 12 में यह प्रावधान है कि, पीड़िता या संरक्षण अधिकारी या अन्य कोई घरेलू हिंसा के बारे में मुआवजा या नुकसान के लिए मजिस्ट्रेट को आवेदन दे सकता है । इसकी सुनवाई 30 दिन के भीतर निर्धारित होगी तथा निष्पादन 60 दिनों के अंदर होगा।


घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 14 -
Domestic Violence Act sec 14 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 14 में यह प्रावधान है कि, मजिस्ट्रेट पीड़िता को सेवा प्रदाता से परामर्श लेने का निर्देश दे सकेगा ।


घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 16-
Domestic Violence Act sec 16-

घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 16 में यह प्रावधान है कि पक्षकार यदि इच्छा करे तो कार्यवाही बंद कमरे में हो सकेगी ।

घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 17 व 18 -
Domestic Violence Act sec 17 व 18 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 17 व 18 में यह प्रावधान है कि , पीड़िता को साक्षी गृहस्थी में निवास करने का अधिकार होगा और कानून प्रक्रिया के अतिरिक्त उसका निष्कासन नहीं किया जा सकेगा । उसके पक्ष में संरक्षण आदेश पारित किया जा सकेगा ।

घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 19 -
Domestic Violence Act sec 19 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 19 में यह प्रावधान है कि , पीड़िता और उसके संतान को संरक्षण प्रदान करते हुए संरक्षण देने का स्थानीय थाना को निर्देश देने के साथ निवास करने का भी आदेश एवं किसी तरह से भुगतान के संबंध में भी आदेश पारित किया जा सकेगा और संपत्ति का कब्जा वापस करने का भी आदेश किया जा सकेगा।


घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 21 -
Domestic Violence Act sec 21 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 21 में यह प्रावधान है कि, मजिस्ट्रेट अभिरक्षा का आदेश संतान के संबंध में दे सकेगा या संतान से भेंट करने का भी आदेश दे सकेगा ।


घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 20 व 22 -
Domestic Violence Act sec 20 and 22 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 20 व 22 में यह प्रावधान है कि, वित्तीय अनुतोष पीड़ित या उसके संतान को घरेलू हिंसा के बाद किए गए खर्च एवं की पूर्ति के लिए मजिस्ट्रेट निर्देश दे सकेगा तथा भरण पोषण का भी आदेश दे सकेगा यह प्रतिकर आदेश भी दिया जा सकता है ।


घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 24 -
Domestic Violence Act sec 24 -

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 24 यह प्रावधान है कि, पक्षकारों को आदेश की प्रति नि:शुल्क न्यायालय के द्वारा दिया जाएगा ।

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