सवाल :-
मेरा और मेरी पत्नी का कुछ पारिवारिक विवाद हुआ और उसके बाद वह अपने मायके चली गई और वहां जाकर उसने मेरे ऊपर झूठा दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया जिससे मैं काफी ज्यादा परेशान हो गया हूं और अब मैं भी अपनी पत्नी के ऊपर कोई केस करना चाहता हूं ताकि उसे सबक मिल सके, कुछ दिन पहले जब मैं दिल्ली में काम कर रहा रहा था तो उस समय मेरी पत्नी अपने मायके में थी तो मैंने अपनी पत्नी के अकाउंट में ₹40000 और अपने ससुर के अकाउंट में ₹32000 ट्रांसफर किए थे । तो क्या मैं इसके लिए कोई केस अपनी पत्नी और ससुर के ऊपर दर्ज करा सकता हूं ? कृपया मुझे इसके बारे में बताईए ।
जबाब:-
जैसा आप ने बताया कि आपने अपनी पत्नी के अकाउंट में ₹40000 और अपने ससुर के अकाउंट में ₹32000 ट्रांसफर किए हैं तो आप इसके आधार पर चाहे तो अपनी पत्नी और ससुर के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 406 के तहत आपराधिक विश्वासघात के लिए आपराधिक मुकदमा दर्ज करा सकते हैं ।
भारतीय दंड संहिता की धारा 405 में आपराधिक विश्वासघात को परिभाषित किया गया है तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 406 में आपराधिक विश्वासघात के लिए दंड का प्रावधान किया गया है ।
सबसे पहले मैं आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 405 और 406 के बारे में बताता हूं ।
भारतीय दंड संहिता की धारा 405 के अनुसार , जो कोई अपने सुपुर्द सम्पत्ति या सम्पत्ति पर प्रभुत्व होने पर उस सम्पत्ति का बेईमानी से गबन कर लेता है या उसे अपने उपयोग में संपरिवर्तित कर लेता है या जिस प्रकार ऐसा न्यास निर्वहन किया जाना है , उसको विहित करने वाली विधि के किसी निदेश का, या ऐसे न्यास के निर्वहन के बारे में उसके द्वारा किए गये किसी अभिव्यक्त या निहित वैघ अनुबंध का अतिक्रमण करके बेईमानी से उस सम्पत्ति का उपयोग या व्ययन करता है, या जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति का ऐसा करना सहन करता है , वह आपराधिक विश्वासघात या आपराधिक न्यासभंग करता है ।
भारतीय दंड संहिता की धारा 406 में अपराधिक न्यासभंग या आपराधिक विश्वासघात के लिए दंड का प्रावधान किया गया है।
जो भी कोई व्यक्ति आपराधिक विश्वासघात या न्यास भंग करेगा उसे 3 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या कारावास और जुर्माने दोनों से दंडित किया जा सकेगा ।
आसान भाषा में भारतीय दंड संहिता की धारा 405 को समझे तो अगर आप किसी व्यक्ति को कोई संपत्ति देते हैं और उसके बाद फिर अपनी संपत्ति उस व्यक्ति से वापस मानते हैं और वह व्यक्ति आपको देने से मना कर देता है तो इसे ही आपराधिक विश्वास का हनन कहा जाता है ।
जैसा आपने अपनी पत्नी और ससुर के अकाउंट में पैसे भेजे हैं तो आप इसे एक कर्ज के रूप में दिखा सकते हैं और कर्ज नहीं वापस करने के लिए आप अपनी पत्नी और ससुर के ऊपर केस दर्ज करा सकते हैं ।
अब मैं आपको बताता हूं कि आप किस प्रकार से केस दर्ज करा सकते है ?
केस दर्ज कराने के लिए सबसे पहले आपको अपनी पत्नी और अपने ससुर को एक लीगल नोटिस भेजना होगा और उसमें जिस दिन , जिस अकाउंट से, जिस अकाउंट में पैसे भेजे गए हैं और जितनी भी पैसे भेजे गए हैं उसका डिटेल लिखना होगा और यह कहना होगा कि आपने यह पैसे कर्ज के रूप में गए थे और आप लोगों ने वादा किया था कि आप यह पैसे जल्द से जल्द वापस कर देंगे लेकिन आप लोग अपने वादे से मुकर रहे हैं तो इन पैसों को आप 30 दिनों के भीतर वापस कर दें अन्यथा आपके ऊपर कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।
लीगल नोटिस भेजना कोई आवश्यक नहीं है लेकिन अगर आप लीगल नोटिस भेज देते हैं तो इससे आप ही का केस मजबूत होगा ।
अगर 30 दिनों के भीतर आपके ससुर और पत्नी आपके पैसों को वापस नहीं करते हैं तो इसके बाद आपने जो पैसे भेजे हैं उस पैसे की रसीद , जो लीगल नोटिस आपने भेजा है उस लीगल नोटिस की एक कॉपी के साथ पुलिस स्टेशन में आपको एक पूरी घटना का वर्णन करते हुए एक शिकायत प्रार्थना पत्र देना होगा ।
अगर पुलिस आपके एफ.आई.आर. को दर्ज कर लेती है तो बहुत अच्छी बात है अन्यथा आप न्यायालय से धारा 156(3) सी.आर.पी.सी. के तहत अपनी पत्नी और ससुर के ऊपर एफ.आई.आर. दर्ज कराने का आदेश करा सकते हैं या फिर कंप्लेंट केस यानी परिवाद भी न्यायालय में दर्ज करा सकते हैं ।
इस प्रकार से आप अपनी पत्नी और ससुर के ऊपर आपराधिक विश्वासघात का मुकदमा दर्ज करा सकते हैं जिसमें 3 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है ।
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