प्रश्न:-
1:- तलाक के क्या आधार है ?
2:- What is grounds of divorce ?
3:- Divorce कैसे ले ?
4:- Hindu marriage act में विवाह विच्छेद के आधार
5:- पत्नी तलाक नही दे तो क्या करे ?
जबाब :-
अगर आपका पति या पत्नी ना आपके साथ रहने के लिए तैयार हो रहे हैं और ना ही आपसी सहमति से विवाह विच्छेद करने के लिए तैयार हैं, तो आप Hindu marriage act section 13 के तहत Divorce लेने के लिए परिवार न्यायालय में याचिका दायर कर सकते हैं ।
हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 में विवाह विच्छेद के आधार बताए गए हैं उनमें से किसी एक या एक से अधिक आधारों पे आप विवाह विच्छेद की याचिका दायर कर सकते हैं और अपने साथी से Divorce ले सकते हैं । वे आधार निम्नलिखित है :-
1- क्रुरता
2- व्यभिचार
3- परित्याग या अधित्यजन
4- धर्मान्तरण
5- मानसिक विकार
6- कुष्ठ
7- यौन रोग
8- संसार का त्याग
9- लापता
10- वैवाहिक पुनः स्थापना ( HMA sec 9 ) के आदेश की अवहेलना
भारत मे विवाह विच्छेद के कुछ आधार है जिस पर याचिका सिर्फ पत्नी की तरफ से ही दायर किया जा सकता है ।
1- पति का बलात्कारी होना
2- दूसरी शादी
3- 15 वर्ष से पूर्व शादी
4- पति को सजा हो जाना
उपरोक्त दिए गए आधारों का विवरण -
1- क्रुरता क्या है -
जब पति या पत्नी को उसके साथी के द्वारा किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक यातना दी जाती है, जिससे उसके जीवन के लिए खतरा हो या खतरा बन सकता हो या उसके सम्मान को ठेस पहुंचता हो , तो यह क्रूरता कहलाती है । मानसिक यातना केवल एक घटना पर निर्भर नहीं होता है बल्कि घटनाओं की श्रृंखला पर आधारित होता है ।
जैसे - भोजन देने से इंकार करना, निरंतर दुर्व्यवहार, दहेज प्राप्ति के लिए गाली देना, ताने मारना, यौन सम्बन्ध न बनाना,अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध बनाना आदि यह सब क्रुरता के अंतर्गत आते हैं और क्रूरता के आधार पर डाइवोर्स के लिए परिवार न्यायालय में याचिका दायर की जा सकती है ।
2- व्यभिचार क्या है -
व्यभिचार का अर्थ होता है पति या पत्नी के द्वारा शादी के बाद अपने साथी के अलावा किसी अन्य के साथ शरीरिक संबंध बनाना । यदि आप का साथी व्यभचारिता में लिप्त है तो आप इस आधार पर विवाह विच्छेद की याचिका दायर कर सकते है लेकिन इसके लिए ये महत्वपूर्ण है की आप के साथी ने संभोग किया हो और आप के पास इसका सबूत हो ।
3- परित्याग या अधित्यजन क्या है -
यदि पति पत्नी में से कोई भी एक अपने साथी को बिना किसी ठोस कारण के कम से कम 2 साल की अवधि के लिए छोड़ देता है और अलग रहता है, तो यह परित्याग कहलाता है ,और परित्याग के आधार पर विवाह विच्छेद का मामला परिवार न्यायालय में दायर किया जा सकता है ।
4- धर्मान्तरण -
यदि पति या पत्नी दोनों में से किसी एक ने अपना धर्म जो विवाह के समय था उसे परिवर्तित कर दिया है, और कोई अन्य धर्म अपना लिया है तो यह एक विवाह विच्छेद की याचिका दायर करने का आधार होता है ।
5- मानसिक विकार -
यदि आपका साथी असाध्य मानसिक विकार और पागलपन से ग्रस्त है और इस कारण से पति और पत्नी दोनों का साथ रहना संभव नही हो सकता है , तो मानसिक विकार एक विवाह विच्छेद दाखिल करने का आधार है ।
अगर आप शादी से पूर्व यह बात जानते हैं कि आपका साथी मानसिक विकार से ग्रस्त है और फिर भी आप उससे विवाह करते हैं तब आप इस आधार पर विवाह विच्छेद नहीं कर सकते है ।
6- कुष्ठ -
उग्र और असाध्य कुष्ठ रोग के मामले में इस आधार पर विवाह विच्छेद की याचिका दायर की जा सकती है ।
7- यौन संक्रामक रोग -
आपके साथी को एक गंभीर संक्रामक यौन रोग है, जिससे आप आसानी से संक्रमित हो सकते हैं, तो विवाह विच्छेद की याचिका इस आधार पर परिवार न्यायालय में दायर की जा सकती है।
एड्स जैसी बीमारी इसके अंतर्गत आते हैं ।
एड्स जैसी बीमारी इसके अंतर्गत आते हैं ।
8- संसार का त्याग -
यदि आपका साथी साधु या सन्यासी हो जाता है और सांसारिक त्याग कर देता है , तो यह एक विवाह विच्छेद की याचिका दायर करने का आधार होता है और आप इस आधार पर विवाह विच्छेद की याचिका दायर कर सकते हैं ।
9- लापता -
अगर आपका साथ ही 7 वर्ष या 7 वर्ष से अधिक की एक निरंतर अवधि के लिए जिंदा नहीं देखा जाता या सुना जाता या उसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं होता वह लापता है तो उस व्यक्ति को मृत माना जाता है, और दूसरा साथी इस आधार पर विवाह विच्छेद की याचिका न्यायालय में दायर कर सकता है और विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त कर सकता है ।
10- वैवाहिक पुनः स्थापना ( HMA sec 9 ) के आदेश की अवहेलना -
अगर आपका साथी आपसे अलग रहता है और आप उसे बुलाने के लिए हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 9 का केस किए हैं और आपको वैवाहिक पुनर्स्थापना की डिक्री प्राप्त हो चुकी है और आपका साथ ही निरंतर 1 वर्ष तक इसका पूर्णत: न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करता है तो यह विवाह विच्छेद की याचिका दायर करने का एक आधार होता है ।
निम्नलिखित आधारों पर सिर्फ पत्नी विवाह विच्छेद की याचिका दायर कर सकती है ।
1- पति का बलात्कारी होना -
यदि आप का पति बलात्कार में लिप्त है तो आप इस आधार पर विवाह विच्छेद की याचिका न्यायालय परिवार न्यायालय में दायर कर सकती हैं ।
2- दूसरी शादी -
अगर आप हिंदू हैं और आप से बिना विवाह विच्छेद के आपका पति किसी अन्य से विवाह कर लेता है तो आप इस आधार पर विवाह विच्छेद की मांग कर सकती हैं न्यायालय में याचिका दायर करके ।
3- 15 वर्ष से पूर्व शादी -
यदि लड़की की शादी 15 वर्ष की उम्र से पहले कर दी गई है तो वह शादी का त्याग कर सकती है जब तक उसकी उम्र 18 साल नहीं हो जाती, पत्नी विवाह विच्छेद की याचिका इसके लिए दायर कर सकती है ।
4- पति को सजा हो जाना -
यदि आपके पति को उम्र कैद या फांसी की सजा हो जाती है तो आप इस आधार पर विवाह विच्छेद की याचिका न्यायालय में दायर कर सकती है ।
अगर आप के मन मे कोई सवाल है तो कमेंट में पूछे या फोन से बात करना चाहते है तो Whatsapp मैसेज कर कर Appointment Book करे, Appointment booking Fee 300Rs -
Whatsapp no. - 9305583885
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1 Comments
Kisi mahila ki Agar first marriage Notary Stamp par aapsi sahmati se khatm huyi thi, fir second marriage me ab pati pratadit kar raha hai to kya patni ke paas koi kanuni adhikar nahi hai?
ReplyDeleteAgar nhi hai to kya patni apni marji se apne mayke me rah sakti hai ?
Second marriage agar legal nhi h to kya pati ka koyi adhikar patni par h ? Please help me ?