प्रश्न :- मेरी पत्नी ने मेरे ऊपर 498a का केस किया है और मैंने अपनी पत्नी पर Divorce लेने के लिए केस किया है, इस दौरान मेरी पत्नी का भाई और पिता मुझे फोन करके गाली देते हैं और धमकाते हैं मैं क्या करूं ?
अमित, लखनऊ उ0प्र0
यदि केस चलने के दौरान आपकी पत्नी का पिता, भाई या अन्य कोई रिश्तेदार आपको फोन करके धमकाये या गाली दे या आपको घर पर आकर आपको धमकी दे , गाली दे अथवा हाथा-पाई करें तो ऐसी स्थिति में आप क्या कर सकते हैं ?
जबाब :-
कई बार ऐसा देखा जाता है कि केस चलने के दौरान या पति - पत्नी में अनबन होती है उस दौरान पत्नी के भाई पिता या अन्य कोई रिश्तेदार पति को फोन करके गालियां देने लगते हैं और धमकाने लगते हैं या पति के घर आकर उसे धमकाने लगते हैं और हर हाथापाई भी करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में पति के पास भी कानूनी अधिकार है क्योंकि धमकी देना गाली देकर उत्तेजित करना या धक्का-मुक्की करना यह सभी अपराध की श्रेणी में आते हैं।
ऐसी स्थिति में पति के क्या है कानूनी अधिकार :-
यदि आपकी पत्नी का भाई , पिता या अन्य कोई रिश्तेदार आपको फोन करके गाली देते हैं , या धमकी देते है तो ऐसी स्थिति में आप उनके ऊपर IPC की धारा 504 और 506 में परिवाद दाखिल करा सकते हैं लेकिन यदि हल्की-फुल्की धक्का-मुक्की भी हुई है तो फिर यह केस आईपीसी की धारा 504 506 और 323 में दर्ज होगा ।
कैसे केस दर्ज होगा :-
यदि आप इस घटना की शिकायत पुलिस स्टेशन में करने जाते हैं तो पुलिस अधिकतर ऐसे मामलों में यानी छोटे- छोटे अपराधों में FIR दर्ज नहीं करती, आपको यह केस परिवाद के रूप में कोर्ट में करना होगा तब ही आप दोषियों को सबक सिखा पाएंगे ।
परिवाद ( Complaint case ) क्या होता है :-
परिवाद ( Complaint case ) कैसे करे :-
कोर्ट में परिवाद आप तक दाखिल कर सकते हैं जब पहले आप पुलिस स्टेशन पर शिकायत किए हो और जब पुलिस ना सुनी हो तो आप SP को शिकायत किए हो जब वहां से भी कोई कार्यवाही नहीं होती है तब आप परिवाद दाखिल कर सकते हैं। क्योंकि परिवाद दाखिल करने के लिए आपने जो SP को प्रार्थना पत्र दिया है उसकी फ़ोटो कॉपी और रिसीविंग लगानी होती है जो SP के वहां से मिलता है ।
जब SP के वहां से कोई कार्यवाही नहीं होती उसके बाद आप न्यायालय में जाएंगे और वहां पर एक एडवोकेट नियुक्त करेंगे, फिर आपके साथ जो भी घटना घटित हुई है उसको आपको एडवोकेट को बताना होगा, एडवोकेट उसके आधार पर आपका एक एप्लीकेशन तैयार करेंगे और एप्लीकेशन के साथ पुलिस को दी गई शिकायत पत्र की फोटो कॉपी, जो आपको रिसीविंग प्राप्त हुई है वह, यदि मारपीट भी हुई है तो MLC रिपोर्ट, यदि आपने मारपीट होते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग या ऑडियो रिकॉर्डिंग किया है तो उसका कैसेट ( नही हो तो भी कोई बात नही ) , और दो गवाह देने होंगे ।
गवाह वह व्यक्ति होते है जो घटना घटित होते हुए देखे होते हैं, फिर न्यायालय में पीड़ित यानी पति का और गवाहों का बयान दर्ज होता है । यदि इन बयानों और अन्य सबूतों से जज संतुष्ट हो जाते हैं और उनको विश्वास हो जाता है कि आपके साथ अपराध हुआ है तो दोषियों को समन भेजकर कोर्ट में बुलाते हैं। फिर उन दोषियों पर केस चलता है जो आपके साथ अपराध किए होते हैं। यदि दोषी समन पा कर हाजिर नहीं होती हैं कोर्ट में तो फिर कोर्ट से वारंट निकलता है और पुलिस उन्हें पकड़ कर लाती है ।
आप इस प्रकार से आपके साथ जिन लोगों ने अपराध किया है, उनके ऊपर मुकदमा दर्ज करा सकते हैं और सबक सिखा सकते हैं ।
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