न्यायालय - पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय , चंडीगढ़
पक्षकार - वरुण बग्गा बनाम पंजाब राज्य और अन्य
प्राथिमिकी की धारा - 323 और 354 भारतीय दंड संहिता
तथ्य - इस मामले में एक महिला के द्वारा एक पुरुष के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 354 में प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है उसके बाद पुलिस जांच करती है कोर्ट में आरोप पत्र प्रेषित करती है कुछ दिनों तक मुकदमा चलता है तत्पश्चात उस महिला और पुरुष में समझौता हो जाता है और हाईकोर्ट में याचिका लगाई जाती है कि जो प्रकरण चल रहा है उसे समझौता के आधार पर रद्द कर दिया जाए जिस पर हाईकोर्ट या टिप्पणी करता है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार अगर पक्षकारों में सुलह समझौता हो जाता है तो मुकदमा समाप्त कर देना चाहिए लेकिन यह आम हो गया है कि पहले मुकदमा लगाया जाता है कुछ दिन चलता है उसके बाद उसमें समझौता कर लिया जाता है जिससे कि सरकार का समय बर्बाद होता है रुपए बर्बाद होते हैं जो उचित नहीं है इस वजह से न्यायालय जो शिकायतकर्ता महिला होती है उसके ऊपर 1 महीने के अंदर ₹100000 जमा करने का जुर्माना लगा दिया जाता है और यह जुर्माना जमा करने के पश्चात ही यह मुकदमा समाप्त होगा ऐसा आदेश किया जाता है ।
Whatsapp no. - 9305583885
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