हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 9 जो कि दामपत्य अधिकारों के पुनः स्थापना के लिये किया जाता है लेकिन ऐसा नही है कि यह मुकदमा सिर्फ अपने साथी को अपने पास बुलाने में आपके लिये लाभकारी होगा बल्कि यदि आप की पत्नी बिना किसी कारण के आप से अलग रह रही है तो पति हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 9 का मुकदमा कर के पत्नी को वापस बुला सकते हैं साथ ही साथ अन्य जो भी मुकदमे होंगे , जो आप की पत्नी आप पर करेगी उसमे भी आप को फायदा मिलेगा ।
अगर आप की पत्नी बिना किसी कारण के आप से अलग रह रही है और आप ने सेक्शन 9 का केस किया और आप यह केस जीत जाते है और आप को सेक्शन 9 की डिक्री मिल जाती है जिसमे कोर्ट पत्नी को आदेश कर देता है कि वह जा कर अपने पति के साथ रहे लेकिन पत्नी पति के साथ रहने नही आती और पति से भरण पोषण की मांग करती है तो पति भरण पोषण का केस जीत सकता है और पत्नी का भरण पोषण का केस खारिज भी करा सकता है क्योकि ऐसी पत्नी जो बिना किसी कारण अपने पति से अलग रह रही है वह भरण पोषण पाने की हकदार नही होती है , और section 9 की डिक्री पति को तब ही मिल सकता है जब पत्नी के पास अलग रहने का उचित आधार ना हो ।
इसी पर बॉम्बे हाईकोर्ट का एक फैसला आया है जिसमे पति के पास हिन्दु विवाह अधिनियम की धारा 9 की डिक्री थी जिसमे कोर्ट ने पत्नी को आदेश किया था कि वह जा कर अपने पति के साथ रहे लेकिन पत्नी रहने नही गई और भरण पोषण की मांग करने लगी तो बॉम्बे हाईकोर्ट ने Section 9 को आधार बता कर पत्नी का भरण पोषण का केस खारिज कर दिया ।
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