एक मामले के लिये 2 केस नही चलेगा

इस मामले में पति ने अपने ऊपर लगे भारतीय दंड संहिता की धारा 498A व 494 को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है ।


इस मामले में होता कुछ ऐसा है कि जो पत्नी होती है सर्वप्रथम अपने पति के ऊपर विभिन्न प्रकार के आरोप लगाती है और इन आरोपों के आधार पर पति के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 498 और 3/4 DP Act में FIR दर्ज होता है FIR दर्ज होने के बाद पुलिस जांच करती है जिसमें पुलिस को कोई साक्ष्य नहीं मिलता, वह मामला गलत मिलता है तो इस वजह से पुलिस अंतिम रिपोर्ट लगा देती है जिसे मजिस्ट्रेट भी स्वीकार कर लेते हैं और मामला यहीं समाप्त हो जाता है उसके कुछ दिनों के बाद पत्नी पुनः उन्हीं आरोपों के आधार पर जो उसने अपने पहले शिकायत में किया था पति के ऊपर दूसरा मामला दर्ज कराती है जिसमें पति के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 498a और 494 में एफ आई आर दर्ज होता है उसके बाद पुलिस जांच करती है और कोर्ट में 4 सट लगा देती है फिर मजिस्ट्रेट उस मामले पर संज्ञान ले लेते हैं तब जो पति होता है मामले को रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट में प्रार्थना पत्र देता है ।


हाईकोर्ट इस मामले में यही कहता है की पत्नी ने जो पहले आरोप लगाया था जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 498A व 3/4 DP एक्ट लगी थी जिसमे अंतिम रिपोर्ट लग गई उन्ही आरोपों के आधार पर पुनः मामला दर्ज कराया जिसमे 498A व 494 लगी तो ये सही नही है ।


न्यायालय मामले में से IPC की धारा 498A को रद्द कर देता है ।


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