घरेलू हिंसा अधिनियम पति को प्रताड़ित करने के लिये नही है - न्यायालय ने पत्नी पर लगाया 10 लाख ₹ का जुर्माना

जम्बू कश्मीर में स्थित श्रीनगर के एक अदालत ने एक महिला जिसने अपने पति पर घरेलू हिंसा का मुकदमा किया, मुकदमा करके पति को काफी ज्यादा प्रताड़ित किया और मामले को सर्वोच्च न्यायालय तक ले गई उस महिला पर 10 लाख ₹ का जुर्माना लगाया


मामले में न्यायालय ने महिला पर जुर्माना तब लगाया जब महिला ने अपने पति पर मुकदमा करके उसे काफी ज्यादा प्रताड़ित किया, मामले को सर्वोच्च न्यायालय तक ले गई और अंत मे महिला खुद का बचाव करने के लिए और खुद के फायदे के लिये घरेलू हिंसा के मामले को वापस लेना चाहा


न्यायाधीश फैयाज अहमद कुरैसी ने 18 पन्नो का आदेश पारित किया जिसमें कहाँ की यह मामला कानून की प्रकिया का दुरूप्रयोग का प्रत्यक्ष उदाहरण है, और पत्नी पर 10 लाख रुपयों का जुर्माना लगाया जुर्माना न अदा करने पर भू राजस्व के वसूली के लिये निर्धारित तरीके से जुर्माना वसूला  किया जायेगा ।


संक्षिप्त में मामला यह है कि - घरेलू हिंसा के मुकदमे की याचिकाकर्ता पत्नी ने 26.02.2019 को मुकदमा दायर किया जिसमे एकपक्षीय आदेश हुआ कि प्रतिवादी पति अपने ही घर मे प्रवेश ना करे उसके बाद पत्नी ने अपने रिश्तेदारों के मदद से पति को उसके घर से निकाल दिया और पति बेघर हो गया और पत्नी ने पति के मकान पर कब्जा कर लिया फिर न्यायालय ने 29/04/2019 को इस आदेश को संशोधित कर दिया और आदेश किया कि प्रतिवादी पति को उस मकान में पत्नी दो कमरे उपलब्ध कराएगी और पति और पत्नी उस घर मे सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध में समायोजित करेंगे जहां दोनों पक्ष पहले रह रहे थे ।

उसके बाद पत्नी इस आदेश के विरुद्ध सत्र न्यायालय , उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक गई लेकिन उस कही से फायदा नही मिला लेकिन पति बहुत ज्यादा प्रताड़ित हुआ ।

उसके बाद पत्नी सिर्फ इस वजह से की उसे पति को दो कमरे देने होंगे इस आदेश का पालन से बचने पत्नी अपना घरेलू हिंसा का मुकदमा ही वापस लेना चाहती थी ।


फिर पत्नी ने पति को मुकदमे में फसा कर इतना प्रताड़ित करने के बाद अपना मुकदमा सिर्फ अपने आप को बचाने के लिये और पति को मकान में 2 कमरे ना देना पड़े इससे बचने के लिये मुकदमे को वापस लेने के लिये प्रार्थनापत्र लगाया, न्यायालय ने उसके प्रार्थनापत्र को स्वीकार तो किया लेकिन पति को हुई इस प्रताड़ना के वजह से परेशानी के लिए पत्नी पर 10 लाख ₹ का जुर्माना लगा दिया और आदेश किया कि जुर्माना ना देने पर भू राजस्व के वसूली के निर्धारित तरीके से जुर्माना वसूल किया जाएगा।


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