IPC sec 300 - हत्या
आइपीसी की धारा 300 का विवरण -
आईपीसी की धारा 300 के अनुसार इसके पश्चात अपराधिक मामलों को छोड़कर अपराधिक गैर इरादतन मानव वध हत्या है , यदि ऐसा कार्य , जिसके द्वारा मृत्यु कार्य की गई हो या मृत्यु कारित करने के आशय से किया गया हो ,अथवा
यदि कोई कार्य ऐसी शारीरिक क्षति पहुंचाने की आशय से किया गया हो जिससे कि उस व्यक्ति की जिस को क्षति पहुंचाई गई है मृत्यु होने की सम्भाव्व्य हो ,
अथवा
यदि वह कार्य किसी व्यक्ति को शारीरिक क्षति पहुंचाने के आशय से किया गया है और शारीरिक क्षति प्राकृतिक के मामूली अनुक्रम में मृत्यु कार्य करने के लिए पर्याप्त हो,
अथवा
यदि कार्य करने वाला व्यक्ति या जानता हो कि इतना आसन्न संकट है कि मृत्यु का कारित होने की पूरी संभावना है या ऐसी शारीरिक क्षति होगी जिससे मृत्यु होने की पूरी संभावना है वह मृत्यु कार्य करने का पूर्व कथित रूप की क्षति पहुंचाने का जोखिम उठाने के लिए बिना किसी क्षमायाचना के ऐसा कार्य करें
अपवाद :- गैर इरादतन मानव वध कब हत्या नहीं है आपराधिक मानव वध हत्या नहीं है यदि अपराधी उस समय जबकि गंभीर और अचानक प्रकोप से आत्म संयम की शक्ति से वंचित हो , उस व्यक्ति की जिसने कि वह प्रकोपन दिया था मृत्युकारित करे या किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु भूल या दुर्घटना वश कारित करें
ऊपर के अपवाद निम्नलिखित शर्त है :-
(1) वह प्रकोप किसी व्यक्ति का वध करने या क्षति पहुंचाने के लिए अपराधी द्वारा प्रतिहेतु के रूप में स्वेच्छा पूर्वक प्रकोपित न हो ,
(2) यदि वह प्रकोप किसी ऐसी बात द्वारा ना दिया गया हो जो की विधि के पालन में या लोक सेवक द्वारा उसकी शक्तियों के विधि पूर्ण प्रयोग में की गई हो,
(3) यदि वह प्रकोप किसी ऐसी बात द्वारा न दिया गया हो जो निजी प्रतिरक्षा के अधिकार के विधि पूर्ण प्रयोग में की गई हो
स्पष्टीकरण :- ओपन इतना गंभीर और अचानक था या नहीं कि अपराध को हत्या की कोटि में जाने से बचा दे यह तथ्य का प्रश्न है
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