IPC की कौन-कौन सी धाराएं विवाह से संबंधित है और उनमें क्या प्रावधान है ?

यहां आप जानेंगें की भारतीय दंड संहिता की कौन कौन सी धाराएं वैवाहिक मामलों से संबंधित है और उन धाराओ में क्या प्रावधान है और क्या सजा होती है ?





IPC Section 304B 
भारतिय दंड संहिता की धारा 304B के अनुसार

अगर किसी स्त्री की हत्या दहेज के लिए उसके पति या परिवार के द्वारा की जाती है या कराई जाती है तो ऐसे में आईपीसी की धारा 304b में केस दर्ज होता है जिसमें 7 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा से दंडित किया जा सकता है ।

IPC Section 312  
भारतिय दंड संहिता की धारा 312 

के अनुसार जो भी कोई गर्भवती स्त्री का स्वेच्छा पूर्वक गर्भपात कारित करेगा, और यदि ऐसा गर्भपात उस स्त्री का जीवन बचाने के प्रयोजन से सद्भावपूर्वक कारित न किया गया हो , तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है अथवा आर्थिक दण्ड अथवा दोनों से दण्डित किया जाएगा ।
और यदि वह स्त्री स्पन्दनगर्भा हो , तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे 7 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है , और साथ ही साथ वह आर्थिक दण्ड से भी दण्डित होगा ।


IPC section 313 
भारतीय दंड संहिता की धारा 313 

के अनुसार जो भी कोई स्त्री की सहमति के बिना उसका गर्भपात करायेगा चाहे बच्चा अभी पूरा ना बना हो या पूरा ना बन पाया हो तो ऐसे में उस व्यक्ति को जिसने गर्भपात कराया हो 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा तथा जुर्माने से भी दंडित किया जाएगा ।


IPC section 366 
भारतीय दंड संहिता की धारा 366 

के अनुसार जो भी कोई किसी स्त्री का किडनैप करेगा और उस स्त्री से स्वयं के साथ या किसी अन्य के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करेगा उसे किसी एक अवधि तक कारावास जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माने से दंडित किया जाएगा ।


IPC section 376B 
भारतीय दंड संहिता की धारा 376B 

के अनुसार जो भी कोई पति अपनी पत्नी से कोर्ट के द्वारा पारित किसी डिग्री के आधीन अलग रह रहा है या फिर किसी अन्य उचित कारण से अलग रह रहा है जैसे कि कोर्ट में कोई केस चल रहा है और जबरजस्ती अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाएगा तो 2 वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक का कारावास या आर्थिक दंड से दंडित किया जा सकता है ।



IPC section 377
भारतीय दंड संहिता की धारा 377 

के अनुसार जो भी कोई किसी पुरुष स्त्री या जीवजन्तु के साथ प्रकृति की व्यवस्था के विरुद्ध स्वेच्छा पूर्वक संभोग करेगा तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड से भी दंडित होगा ।


IPC section 493 
भारतीय दंड संहिता की धारा 493 

के अनुसार यदि कोई पुरुष झूठा पति बनकर किसी स्त्री को यह विश्वास दिलाएगा कि वह विधिपूर्वक उससे विवाहित है , और इस विश्वास में उस स्त्री के साथ संभोग करेगा , तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है साथ ही आर्थिक दंड से भी दंडित होगा ।


IPC section 494 
भारतीय दंड संहिता की धारा 494 

के अनुसार जो भी कोई पति या पत्नी के जीवित रहते हुए किसी ऐसी स्थिति में विवाह करेगा जिसमें पति या पत्नी के जीवनकाल में विवाह करना अमान्य होता है , तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे 7 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही आर्थिक दंड से भी दंडित किया जाएगा ।


IPC section 495 
भारतीय दंड संहिता की धारा 495

के अनुसार जो भी कोई किसी विवाहित स्त्री को , जो किसी अन्य पुरुष की पत्नी है , और जिसका अन्य पुरुष की पत्नी होना वह जानता है , या विश्वास करने का कारण रखता है , उस पुरुष के पास से , या किसी ऐसे व्यक्ति के पास से , जो उस पुरुष की ओर से उस स्त्री की देखरेख करता है , को फुसलाकर इस आशय से ले जाए या छिपाए या उस स्त्री को निरुद्ध करे , कि वह स्त्री किसी अन्य व्यक्ति के साथ अवैध संभोग करे , तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे 2 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और आर्थिक दंड से दंडित किया जा सकता है ।



IPC section 498 
भारतीय दंड संहिता की धारा 498 

के अनुसार जो भी कोई किसी विवाहित स्त्री को , जो किसी अन्य पुरुष की पत्नी है , और जिसका अन्य पुरुष की पत्नी होना वह जानता है , या विश्वास करने का कारण रखता है , उस पुरुष के पास से , या किसी ऐसे व्यक्ति के पास से , जो उस पुरुष की ओर से उस स्त्री की देखरेख करता है , को फुसलाकर इस आशय से ले जाए या छिपाए या उस स्त्री को निरुद्ध करे , कि वह स्त्री किसी अन्य व्यक्ति के साथ अवैध संभोग करे , तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे 2 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और आर्थिक दंड से दंडित किया जा सकता है ।


IPC section 498A 
भारतीय दंड संहिता की धारा 498A 

के अनुसार जो भी व्यक्ति किसी स्त्री का पति या पति का रिश्तेदार होते हुये ऐसी स्त्री के प्रति क्रूरता करेगा , वह कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी से दण्डित किया जा सकता है और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।



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